अपने इंजीनियर, अपना काम... अब केंद्र पर निर्भरता खत्म, रेखा गुप्‍ता कैबिनेट ने ले लिया बड़ा फैसला

 

अपने इंजीनियर, अपना काम... अब केंद्र पर निर्भरता खत्म, रेखा गुप्‍ता कैबिनेट ने ले लिया बड़ा फैसला



Delhi Government Cabinet Meeting: दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग के दौरान पीडब्ल्यूडी के लिए स्वतंत्र इंजीनियरिंग कैडर मंजूर किया, जिससे विकास कार्यों में पारदर्शिता और गति आएगी

नई दिल्‍ली. दिल्ली सरकार ने राजधानी के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई रफ्तार देने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में दिल्ली पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) के लिए स्वतंत्र इंजीनियरिंग कैडर बनाने को मंजूरी दे दी गई. यह कदम न सिर्फ विकास कार्यों को तेजी देगा बल्कि व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित करेगा.

अब तक दिल्ली पीडब्ल्यूडी के 3,214 इंजीनियरिंग पद सीपीडब्ल्यूडी (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग) कैडर के अधीन थे. इन पदों पर नियुक्तियां केंद्र सरकार द्वारा की जाती थीं. कई बार इस प्रक्रिया की वजह से काम की गति धीमी पड़ जाती थी और निर्णय लेने में भी देरी होती थी. नई व्यवस्था के तहत दिल्ली सरकार को अपने स्तर पर इंजीनियरों की भर्ती की शक्ति मिल जाएगी. इसका सीधा फायदा यह होगा कि स्थानीय अनुभव वाले और दीर्घकालिक प्रतिबद्ध इंजीनियर राजधानी के प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगे.
मुख्यमंत्री ने इसे “विकसित दिल्ली” की दिशा में मील का पत्थर बताते हुए कहा कि यह निर्णय उनके ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ के विजन से प्रेरित है. सुधार (Reform) के तहत दिल्ली की अपनी इंजीनियरिंग व्यवस्था खड़ी की जाएगी, प्रदर्शन (Perform) में तेज और पारदर्शी काम को प्राथमिकता दी जाएगी और परिवर्तन (Transform) के रूप में राजधानी के इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवाओं में आमूलचूल बदलाव देखने को मिलेगा
नई कैडर व्यवस्था से न केवल परियोजनाओं की समयसीमा कम होगी बल्कि जवाबदेही भी तय होगी. हर प्रोजेक्ट में स्पष्ट जिम्मेदारी होगी और काम की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी. सरकार का मानना है कि इससे भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी और नागरिकों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी. आगे की प्रक्रिया के तहत एक उच्चस्तरीय समिति नए कैडर की संरचना और कार्यप्रणाली तय करेगी. इच्छुक सीपीडब्ल्यूडी अधिकारी इसमें शामिल हो सकेंगे, वहीं आवश्यकता पड़ने पर वैकल्पिक भर्ती प्रणाली भी अपनाई जाएगी.
इस निर्णय के पीछे बड़ा लक्ष्य दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर के रूप में विकसित करना है. इसके तहत नया सचिवालय, 11 जिलों में मिनी सचिवालय, आधुनिक मंडियां, खेल मैदान और अन्य ढांचागत निर्माण कार्यों को गति दी जाएगी. कुल मिलाकर, दिल्ली सरकार का यह फैसला प्रशासनिक स्वायत्तता और बेहतर गवर्नेंस की ओर एक मजबूत कदम है. आने वाले वर्षों में इसका असर सड़कों से लेकर सरकारी दफ्तरों तक साफ दिखेगा और दिल्ली की तस्वीर बदलने में यह कैडर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा
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