अटैक के बाद CM रेखा गुप्ता की पहली जनसुवाई, सिक्योरिटी के पुख्ता इंतजाम, मेन एंट्रेंस गेट पर खास सिस्टम
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को अपने कैंप कार्यालय में एक बार फिर से जनसुनवाई शुरू की. यह कार्यक्रम खास मायने रखता है, क्योंकि 20 अगस्त को जनसुनवाई के दौरान उन पर हमला हुआ था और तब से यह प्रक्रिया स्थगित कर दी गई थी. करीब पखवाड़े बाद सीएम ने न केवल जनसुनवाई दोबारा शुरू की, बल्कि लोगों की शिकायतें सुनने के लिए उन्हें अपने पास बुलाकर आत्मीयता भी दिखाई. इस तरह अटैक के बाद सीएम रेखा गुप्ता ने पहली जनसुनवाई बिना किसी झंझट के सफलतापूर्वक संपन्न की.
बुधवार 3 सितंबर 2025 को सुबह आठ बजे शुरू हुए इस कार्यक्रम में राजधानी के विभिन्न हिस्सों से आए नागरिकों ने अपनी समस्याएं और शिकायतें सीधे मुख्यमंत्री के सामने रखीं. कुल मिलाकर 165 शिकायतें दर्ज की गईं. गुप्ता ने हर शिकायत को ध्यान से सुना और संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए निर्देश देने का भरोसा दिलाया. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री एक कुर्सी पर बैठीं थीं और लोग बारी-बारी से उनके सामने आकर आवेदन जमा कर रहे थे. शिकायतकर्ताओं को अपनी बात रखने के लिए माइक्रोफोन की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी. गुप्ता ने कई बार लोगों को पास बुलाकर उनसे विस्तार से बातचीत की और उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता दिखाई
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सुरक्षा के कड़े इंतजाम
हालांकि, इस बार जनसुनवाई में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए. मुख्यमंत्री के चारों ओर महिला सुरक्षाकर्मियों और पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा घेरा बना रखा था. मुख्य प्रवेश द्वार पर लाइव फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) लगाया गया था. सभी प्रतिभागियों की पूरी तरह से चेकिंग की गई और मेटल डिटेक्टर से तलाशी ली गई. साथ ही, पूरे कार्यक्रम पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से नजर रखी गई. 20 अगस्त की घटना के बाद सुरक्षा को लेकर यह सख्ती जरूरी समझी गई थी. उस दिन गुजरात के राजकोट निवासी एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री गुप्ता पर उनके कैंप कार्यालय—मुख्यमंत्री जन सेवा सदन—में हमला किया था. इस हमले ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए थे, जिसके बाद से जनसुनवाई स्थगित कर दी गई थी
शांतिपूर्ण माहौल
बुधवार को हुई सुनवाई का माहौल शांतिपूर्ण रहा और लोगों ने भी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की तत्परता और सहजता की सराहना की. शिकायतकर्ताओं का कहना था कि सुरक्षा के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाने में कोई कठिनाई नहीं हुई. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की जनसुनवाई कार्यक्रम न केवल जनता और सरकार के बीच सीधा संवाद स्थापित करते हैं बल्कि शासन की पारदर्शिता और जवाबदेही को भी मजबूत करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जनता की समस्याओं को सीधे सुनने और उनके समाधान के लिए हमेशा प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने भरोसा दिलाया कि हर शिकायत पर समयबद्ध तरीके से कार्रवाई की जाएगी. करीब दो घंटे तक चले इस कार्यक्रम ने न केवल शिकायतकर्ताओं को राहत दी बल्कि यह संदेश भी दिया कि किसी भी हमले या बाधा से लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं नहीं रुकेंगी
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