Coal GST Hike: कोयले पर बढ़ा जीएसटी, फिर भी नहीं बढ़ेगा बिजली का बिल
Coal GST Hike: एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोयले पर जीएसटी बढ़ाने के बावजूद बिजली की कीमतें कम हो सकती है. कारण यह है कि सेस हटने से कोयला आधारित बिजली उत्पादन की लागत कम होगी.
Coal GST Hike: जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में कई बड़े ऐलान हुए. काउंसिल ने खाने-पीने से लेकर कार, इंश्योरेंस और कई चीजों पर जीएसटी की दरें घटा दी हैं. इस बीच कोयले पर जीएसटी बढ़ा दी गई है. हालांकि, कोयले पर जीएसटी बढ़ाने का असर आपकी जेब पर नहीं पड़ेगा. दरअसल, जीएसटी काउंसिल ने 3 सितंबर को कोयला और लिग्नाइट पर टैक्स 5 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया, लेकिन साथ ही 40 फीसदी का कंपनसेशन सेस (Compensation Cess) हटा दिया गया. सरकार ने साफ किया है कि इस फैसले से बिजली महंगी नहीं होगी.
क्यों नहीं बढ़ेगा बिजली का दाम?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि टैक्स दर बढ़ने के बावजूद मुआवजा सेस हटने से कोयला आधारित पावर प्लांट की लागत घटेगी. मनीकंट्रोल से बात करते हुए ICRA के विक्रम वी ने कहा कि कोयले पर सेस हटने से बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों (Discoms) को फायदा होगा और बिजली सप्लाई लागत करीब 12 पैसे प्रति यूनिट कम हो सकती है. जेएसडब्ल्यू एनर्जी के अधिकारी का अनुमान है कि इस बदलाव से लगभग 250 रुपये प्रति टन की बचत होगी, जिससे बिजली उत्पादन की लागत 0.15 रुपये प्रति यूनिट घट सकती है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि टैक्स दर बढ़ने के बावजूद मुआवजा सेस हटने से कोयला आधारित पावर प्लांट की लागत घटेगी. मनीकंट्रोल से बात करते हुए ICRA के विक्रम वी ने कहा कि कोयले पर सेस हटने से बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों (Discoms) को फायदा होगा और बिजली सप्लाई लागत करीब 12 पैसे प्रति यूनिट कम हो सकती है. जेएसडब्ल्यू एनर्जी के अधिकारी का अनुमान है कि इस बदलाव से लगभग 250 रुपये प्रति टन की बचत होगी, जिससे बिजली उत्पादन की लागत 0.15 रुपये प्रति यूनिट घट सकती है.
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उद्योग को कैसे फायदा?
JM Financial के अनुसार, भले ही टैक्स रेट बढ़ा है, लेकिन इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का पूरा फायदा मिल सकता है। इससे उद्योग को कुल मिलाकर 5–10 रुपये प्रति टन का फायदा होगा. खासकर उन कंपनियों को राहत मिलेगी जो पूर्वी और मध्य भारत में कोयले पर ज्यादा निर्भर हैं
JM Financial के अनुसार, भले ही टैक्स रेट बढ़ा है, लेकिन इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का पूरा फायदा मिल सकता है। इससे उद्योग को कुल मिलाकर 5–10 रुपये प्रति टन का फायदा होगा. खासकर उन कंपनियों को राहत मिलेगी जो पूर्वी और मध्य भारत में कोयले पर ज्यादा निर्भर हैं
शेयर मार्केट में हलचल
हालांकि इस खबर का असर शेयर बाजार पर अलग-अलग दिखा. कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Ltd) लगभग स्थिर रही, जबकि एनएलसी इंडिया, टाटा पावर और जेएसडब्ल्यू एनर्जी के शेयर 1 फीसदी से ज्यादा गिरे.
हालांकि इस खबर का असर शेयर बाजार पर अलग-अलग दिखा. कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Ltd) लगभग स्थिर रही, जबकि एनएलसी इंडिया, टाटा पावर और जेएसडब्ल्यू एनर्जी के शेयर 1 फीसदी से ज्यादा गिरे.
सरकार का संदेश
सरकार ने कहा कि पहले कोयले पर 5 फीसदी जीएसटी + 400 रुपये प्रति टन सेस लगता था. अब सेस हटाकर जीएसटी में मिला दिया गया है. इसका मतलब है कि कंज्यूमर पर कोई एक्सट्रा बोझ नहीं पड़ेगा.
सरकार ने कहा कि पहले कोयले पर 5 फीसदी जीएसटी + 400 रुपये प्रति टन सेस लगता था. अब सेस हटाकर जीएसटी में मिला दिया गया है. इसका मतलब है कि कंज्यूमर पर कोई एक्सट्रा बोझ नहीं पड़ेगा.
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