एक बार बुवाई, आठ बार कटाई...न ज्यादा देखरेख की जरूरत, न खाद-पानी की टेंशन, दुधारू पशुओं की फेवरेट
Berseem Farming Tips : ये ऐसी फसल है, जो पशुओं की दूध देने की क्षमता बढ़ा सकती है. इसे एक बार लगाने के बाद 6 से 8 दफा काट सकते हैं. उगाने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है.
आजमगढ़. अगर आप किसी ऐसी फसल की तलाश में है, जिसे बोने के लिए कम मेहनत और कम लागत की जरूरत पड़े और उसे एक बार बुवाई के बाद कई बार काटा जा सके तो परेशान मत होइये. बरसीम ऐसी ही फसल है, जो आमतौर पर पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल की जाती है. इसे एक बार लगाने के बाद 6 से 8 बार तक काट सकते हैं. बरसीम को खेतों में लगाने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है. बुवाई के महज 3 महीने बाद फसल तैयार हो जाती है. ये मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी बढ़ाती है.
ऐसे करें खेत तैयार
आजमगढ़ के कृषि एक्सपर्ट राकेश पांडे बताते हैं कि बरसीम की बुवाई के लिए सितंबर का महीना सही माना जाता है. अक्टूबर के शुरुआती हफ्तों में भी इसकी खेती की जा सकती है. बरसीम की खेती के लिए कम तापमान की जरूरत पड़ती है. इसकी बुवाई के लिए खेत की जुताई करने के बाद मिट्टी को समतल करना जरूरी है. मिट्टी समतल होने के बाद खेत की हल्की सिंचाई करके इसकी बुवाई कर सकते हैं. एक बीघे के लिए 8 किलो बीज की जरूरत पड़ती है. बीज के छिड़काव के बाद फिर से खेत की हल्की सिंचाई करें ताकि मिट्टी में नमी बरकरार रहे. 24 घंटे के बाद खेत में पानी जमा न होने दें
मिट्टी के लिए खजाना
बरसीम ऐसी फसल है जो दुधारू पशुओं के लिए बेहद फायदेमंद है. यह पशुओं के लिए मुख्य चारे के रूप में इस्तेमाल की जा सकती है. इसका हरा चारा प्रोटीन से भरपूर होता है. इससे पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता बढ़ती है. उनके स्वास्थ्य में भी सुधार होता है. खेत के लिए प्राकृतिक खाद का काम करती है. मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी बढ़ती है
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