बारिश का कहर: बाढ़ से तबाही झेल रहे राज्यों का दौरा करेंगे PM मोदी, हालात का लेंगे जायजा
PM Modi Visit Flood Affected States: भारी बारिश और बाढ़ से तबाही झेल रहे उत्तर भारत के राज्यों का पीएम मोदी दौरा करेंगे. हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हरियाणा में हालात का जायजा लेकर राहत-बचाव कार्यों की समीक्षा करेंगे.
नई दिल्ली: भारी बारिश और बाढ़ ने उत्तर भारत के कई राज्यों में जिंदगी को थाम दिया है. कहीं घर मलबे में तब्दील हो गए, कहीं सड़कें बह गईं और कहीं खेत खलिहान पूरी तरह डूब गए. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब हालात का जायजा लेने के लिए खुद प्रभावित राज्यों का दौरा करेंगे. सरकारी सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी प्रभावित इलाकों में जाकर राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करेंगे.
बता दें कि इस बार का मानसून उत्तर भारत पर कहर बनकर टूटा है. हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हरियाणा में अब तक 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लगातार हो रहे भूस्खलन, अचानक आई बाढ़ और गिरते मकानों ने हालात को और डरावना बना दिया है.
हिमाचल में सबसे ज्यादा तबाही
हिमाचल प्रदेश इस बारिश का सबसे बड़ा शिकार बना है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 20 जून से अब तक 355 लोगों की जान जा चुकी है. इनमें से 194 मौतें सीधे बारिश से जुड़ी घटनाओं जैसे भूस्खलन, बादल फटना, डूबना और बिजली गिरने से हुई हैं, जबकि 161 लोग सड़क हादसों में मारे गए.
हिमाचल प्रदेश इस बारिश का सबसे बड़ा शिकार बना है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 20 जून से अब तक 355 लोगों की जान जा चुकी है. इनमें से 194 मौतें सीधे बारिश से जुड़ी घटनाओं जैसे भूस्खलन, बादल फटना, डूबना और बिजली गिरने से हुई हैं, जबकि 161 लोग सड़क हादसों में मारे गए.
राज्य के सभी 12 जिले तबाही झेल रहे हैं. मंडी में सबसे ज्यादा 58 मौतें दर्ज हुई हैं. इसके बाद कांगड़ा (50), चंबा (43), शिमला (38) और कुल्लू (31) सबसे प्रभावित ज़िले रहे.
सड़कें टूटीं, नदी-नाले उफान पर
बारिश से पूरे क्षेत्र की जीवन रेखा मानी जाने वाली सड़कें जगह-जगह कट चुकी हैं. हाईवे बंद हैं, नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और हजारों लोग अब भी फंसे हुए हैं. ग्रामीण इलाकों में बिजली और पानी की सप्लाई बुरी तरह प्रभावित है.
बारिश से पूरे क्षेत्र की जीवन रेखा मानी जाने वाली सड़कें जगह-जगह कट चुकी हैं. हाईवे बंद हैं, नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और हजारों लोग अब भी फंसे हुए हैं. ग्रामीण इलाकों में बिजली और पानी की सप्लाई बुरी तरह प्रभावित है.
फसलें चौपट, किसान बेहाल
केवल घर ही नहीं, किसानों की मेहनत भी पानी में बह गई. खेतों में खड़ी धान और मक्का की फसलें चपट गईं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. राहत एजेंसियों के मुताबिक इस बार की बारिश ने पिछले कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
केवल घर ही नहीं, किसानों की मेहनत भी पानी में बह गई. खेतों में खड़ी धान और मक्का की फसलें चपट गईं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. राहत एजेंसियों के मुताबिक इस बार की बारिश ने पिछले कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
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