जीएसटी घटने पर भी महंगा मिलेगा सामान! फंसा हुआ है बड़ा पेच, उद्योग जगत ने बताया-कब से बाजार में आएगा सस्‍ता प्रोडक्‍ट

 

जीएसटी घटने पर भी महंगा मिलेगा सामान! फंसा हुआ है बड़ा पेच, उद्योग जगत ने बताया-कब से बाजार में आएगा सस्‍ता प्रोडक्‍ट



GST New Rate : सरकार ने 22 सितंबर से जीएसटी की दरें घटाकर उपभोक्‍ताओं को सस्‍ते सामान दिलाने की तैयारी कर ली है, लेकिन उद्योगों का कहना है कि उनके पास पुराना स्‍टॉक पड़ा है, जिसके खाली होने के बाद ही कम रेट वाला सामान बाजार में आ सकेगा

नई दिल्‍ली. रोजमर्रा के उपयोग का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनियां मौजूदा जीएसटी व्यवस्था के तहत छपे हुए एमआरपी वाले स्टॉक को लेकर असमंजस में हैं. उन्हें देश भर में अपने गोदामों और खुदरा दुकानों में पड़े भंडार से निपटने के लिए सरकार से जीएसटी कार्यान्वयन दिशानिर्देशों का इंतजार है. उद्योग जगत का मानना है कि दैनिक उपयोग के सामान (एफएमसीजी) पर कम शुल्क वाली नई जीएसटी व्यवस्था लागू होने से खपत बढ़ेगी. लेकिन, मौजूदा कर व्यवस्था के तहत उपलब्ध स्टॉक के कारण इससे ‘अल्पकालिक व्यवधान’ पैदा होगा. इसका मतलब है कि जीएसटी घटने के बावजूद महंगे सामान ही मिलते रहेंगे.

उद्योग को उम्मीद है कि सरकार उन्हें 22 सितंबर से जीएसटी सुधारों के लागू होने के बाद भी पुराने एमआरपी वाले मौजूदा स्टॉक को छूट के साथ बेचने की अनुमति देगी. इमामी के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा कि फिलहाल हर कोई इस बात का मूल्यांकन कर रहा है कि क्या किया जाना चाहिए. हम इस मामले में सरकार से सत्यापन प्राप्त करने का भी प्रयास कर रहे हैं. निश्चित रूप से हम यह भी देखेंगे कि एमआरपी में बदलावों से हम कितनी जल्दी निपट सकते हैं.
सरकार से मांगा और समय
कुछ एफएमसीजी कंपनियों ने कीमतों में गिरावट से निपटने के लिए सरकार से और समय मांगा है. इस पर उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष रहे अग्रवाल ने कहा कि यह उत्पाद-दर-उत्पाद और स्टॉक स्तर पर निर्भर करेगा. चुनौतियां अलग-अलग कंपनियों के लिए अलग-अलग हो सकती हैं. इस समय हम मौजूदा परिदृश्य और चुनौतियों का मूल्यांकन कर रहे हैं ताकि एक इससे निपटने की योजना तैयार की जा सके
15 अक्‍टूबर से मिलेगा सस्‍ता सामान
गोदरेज कंज्यूमर के प्रबंध निदेशक और सीईओ सुधीर सीतापति ने कहा कि उपभोक्ताओं को अगले महीने की शुरुआत या मध्य तक ही कम कीमतों पर एफएमसीजी उत्पाद मिलेंगे, क्योंकि नए एमआरपी के साथ सामान बाजार में पहुंचने में समय लगता है. सीतापति ने कहा कि दैनिक उपभोग वाले उत्पादों (एफएमसीजी) पर जीएसटी की दर घटाकर पांच प्रतिशत करने से उद्योग में ‘कुछ अल्पकालिक व्यवधान’ पैदा हो गए हैं. इसकी वजह यह है कि एफएमसीजी क्षेत्र एमआरपी व्यवस्था पर चलता है और वितरकों एवं कंपनियों के पास अधिक एमआरपी वाले स्टॉक मौजूद हैं
अभी ज्‍यादा कीमत वाले प्रोडक्‍ट का भंडार
सुधीर ने कहा कि वितरकों और एफएमसीजी कंपनियों के पास जो स्टॉक है, वह अधिक एमआरपी वाला है. सीधे व्यवसायों को पैसे देने से उपभोक्ताओं तक लाभ तुरंत नहीं पहुंच पाता है. नए एमआरपी वाले उत्पादों के बाजार तक पहुंचने में थोड़ा समय लगेगा. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले महीने की शुरुआत या मध्य तक उपभोक्ताओं को एफएमसीजी उत्पादों की कीमतों में गिरावट दिखने लगेगी.

खाद्य उत्‍पादों में पहले बदलाव
पारले प्रोडक्ट्स के उपाध्यक्ष मयंक शाह ने कहा कि एफएमसीजी उद्योग कार्यान्वयन दिशानिर्देशों का इंतजार कर रहा है. उद्योग निकाय पहले से ही सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं. जो दिशानिर्देश दिए जाते हैं, उसके आधार पर हमें या तो तुरंत कदम उठाना होगा या कुछ समय दिया जा सकता है. मौजूदा स्टॉक के बारे में, शाह ने कहा कि अलग-अलग कंपनियों के सामने अलग-अलग चुनौतियां हैं. जैसे व्यक्तिगत देखभाल वाले उत्पादों के मुकाबले खाद्य उत्पाद की मियाद कम होती है, लेकिन उनकी बिक्री की गति ज्यादा होती है
कीमत नहीं बदलेंगे, बिल पर छूट देंगे
वी-मार्ट ने कहा है कि वह मौजूदा स्टॉक के उत्पाद लेबल पर एमआरपी में कोई बदलाव नहीं करेगी. हालांकि, वह उपभोक्ताओं को अंतिम बिल पर छूट जरूर देगी. वी-मार्ट रिटेल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ललित अग्रवाल ने कहा कि सरकार द्वारा जीएसटी में की गई कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को दिए जाने वाले अंतिम बिल पर छूट के रूप में मिलेगा. दरों को युक्तिसंगत बनाये जाने के तहत टेलीविजन एवं एयर कंडीशनर जैसे उपभोक्ता वस्तुओं के अलावा खानपान और रोजमर्रा के कई सामान समेत करीब 400 वस्तुओं पर दरें कम की गई हैं
ये भी पढ़े 

Post a Comment

Thanks for your feedback

Previous Post Next Post