जम्मू-कश्मीर से बिहार तक: टेरर फंडिंग की कमर तोड़ने को तैयार NIA, 5 राज्यों में 22 ठिकानों पर की छापेमारी
NIA ने टेरर फंडिंग मामले में पांच राज्यों के 22 स्थानों पर छापेमारी शुरू की है. एजेंसी द्वारा जम्मू-कश्मीर के जंगम पट्टन और बिहार के कटिहार में संदिग्धों के ठिकानों पर जांच की जा रही है. एजेंसी की इस छापेमारी का मकसद आतंकियों की टेरर फंडिंग को रोकना है.
NIA Search Operation: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकवादी गतिविधियों और टेरर फंडिंग के खिलाफ एक बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है. जम्मू-कश्मीर समेत देश के 5 राज्यों में 22 जगहों पर चल रही इस छापेमारी ने सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता को दर्शाया है. यह कार्रवाई 2025 में दर्ज एक नए FIR के तहत की जा रही है, जिसका मकसद आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करना और उनकी फाइनेंशियल चेन को तोड़ना है.
जम्मू-कश्मीर में सघन तलाशी
NIA की टीमें जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के जंगम पट्टन क्षेत्र सहित कई स्थानों पर तलाशी अभियान चला रही हैं. सूत्रों के अनुसार, यह ऑपरेशन उन आरोपियों के ठिकानों पर केंद्रित है, जो आतंकी गतिविधियों में संलिप्त हो सकते हैं. बारामूला के अलावा कुलगाम, अनंतनाग और पुलवामा जिलों में भी छापेमारी की जा रही है. यह कार्रवाई आतंकी साजिश को उजागर करने और संदिग्धों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है
वहीं, बिहार के कटिहार जिले के सेमापुर क्षेत्र में भी NIA ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. यहां इकबाल और रिजाबुल नाम के दो व्यक्तियों के ठिकानों पर तलाशी ली जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, रिजाबुल वर्तमान में जेल में है, जबकि इकबाल को पहले आर्म्स एक्ट के तहत जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया था. लेकिन फिलहाल वह अपने घर पर मौजूद नहीं है. हालांकि, NIA इस मामले में गहन जांच कर रही है. यह कार्रवाई टेरर फंडिंग से जुड़े नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
टेरर फंडिंग पर एनआईए की पैनी नजर
सूत्रों का कहना है कि यह सर्च ऑपरेशन 2025 में दर्ज एक नए FIR से जुड़ा है, जो टेरर फंडिंग और आतंकी गतिविधियों पर केंद्रित है. NIA की यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर समेत देश के 5 राज्यों के 22 ठिकानों – जम्मू-कश्मीर (9), महाराष्ट्र (1), उत्तर प्रदेश (2), बिहार (8), कर्नाटक (1) और तमिल नाडू (1) में एक साथ चल रही है. इस ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकी संगठनों के वित्तीय संसाधनों को खत्म करना और उनकी साजिशों को नाकाम करना है. जांच एजेंसी संदिग्धों के डिजिटल उपकरणों, दस्तावेजों और अन्य सामग्रियों की जांच कर रही है, ताकि आतंकी नेटवर्क के और सुराग मिल सकें
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