वोट चोरी पर चुनाव आयोग की मियाद खत्म, राहुल गांधी ने नहीं दिया हलफनामा, अब क्या करेगा EC?
Rahul Gandhi vs Election commission: राहुल गांधी ने वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग को हलफनामा नहीं दिया है. ऐसे में EC ने उनके दावे को अमान्य कर दिया है.
Rahul Gandhi vs Election commission: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ओर से लगाए गए वोट चोरी को आरोप पर माफी मांगने या हलफनामा देने की मियाद पूरी हो गई है. चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को सात दिनों के भीतर हलफनामा देने को कहा था. यह मियाद रविवार को खत्म हो गई. लेकिन राहुल गांधी ने न तो हलफनामा दिया और न ही माफी मांगी. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 17 अगस्त को राहुल गांधी को उनके दावों को साबित करने के लिए हलफनामा और सबूत जमा करने या देश से माफी मांगने का अल्टीमेटम दिया था.
अब सवाल यह है कि चुनाव आयोग इस मामले में आगे क्या कदम उठाएगा? राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक के बेंगलुरु सेंट्रल संसदीय क्षेत्र के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से अधिक फर्जी मतदाताओं के जरिए वोट चोरी का आरोप लगाया था. उन्होंने दावा किया था कि मतदाता सूची में कई अनियमितताएं थीं- जैसे एक ही मतदाता का नाम कई बार होना, फर्जी पते, एक ही पते पर कई मतदाता और अमान्य तस्वीरों का इस्तेमाल.
इसके अलावा उन्होंने बिहार में विशेष गहन संशोधन प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची में हेरफेर का भी आरोप लगाया. राहुल ने इसे संविधान के खिलाफ साजिश और लोकतंत्र पर हमला करार दिया. 17 अगस्त को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में CEC ज्ञानेश कुमार ने राहुल के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा था कि अगर कोई व्यक्ति उस निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता नहीं है, तो उसे शपथ पत्र के साथ शिकायत दर्ज करानी होगी.
उन्होंने कहा कि हलफनामा देना होगा या देश से माफी मांगनी होगी. कोई तीसरा रास्ता नहीं है. अगर सात दिन में हलफनामा नहीं मिला, तो ये आरोप बेबुनियाद माने जाएंगे.
हलफनामा देने की जरूरत नहीं
राहुल गांधी ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा था कि यह डेटा चुनाव आयोग का ही है और उन्हें अलग से हलफनामा देने की जरूरत नहीं, क्योंकि उन्होंने संसद में संविधान की शपथ ली है. 11 अगस्त को वोटर अधिकार यात्रा के दौरान उन्होंने कहा- यह आयोग का डेटा है, मेरा नहीं. इसे अपनी वेबसाइट पर डालें, सच्चाई सामने आ जाएगी. इस दौरान राहुल और करीब 300 विपक्षी सांसदों ने चुनाव आयोग के कार्यालय की ओर मार्च किया, लेकिन पुलिस ने अनुमति न होने का हवाला देकर कई नेताओं को हिरासत में ले लिया
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