Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद प्लेन हादसे में पायलट ने किया Mayday Call, जानिए क्या होता है इसका मतलब?

 Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद प्लेन हादसे में पायलट ने किया Mayday Call, जानिए क्या होता है इसका मतलब?



What is Mayday: इमरजेंसी की स्थिति में पायलट और शिप के कैप्टन ‘Mayday’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं आइए जानते हैं इस शब्द का इस्तेमाल क्यों किया जाता है और इसका मतलब क्या है।

Air India Plane Crash: गुजरात के अहमदाबाद में एक दुखद विमान हादसा हुआ, जिसमें एयर इंडिया (Air India) की फ्लाइट AI171, जो अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही थी, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद क्रैश (Plane Crash) हो गई। इस बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री, 10 केबिन क्रू और 2 पायलट शामिल थे। हादसे से पहले पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को “मेडे कॉल” (Mayday Call) किया था, लेकिन इसके बाद विमान से कोई संपर्क नहीं हो सका। आइए, इस हादसे की पूरी जानकारी और मेडे कॉल के महत्व को विस्तार से समझते हैं।

हादसे का विवरण
यह हादसा 12 जून 2025 को दोपहर 1:39 बजे (IST) फ्लाइट AI171 ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (SVPIA) के रनवे 23 से टेकऑफ किया। टेकऑफ के लगभग 5 मिनट बाद, विमान मेघानीनगर के रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (रजिस्ट्रेशन VT-ANB) था, जिसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई यात्री सवार थे। इनके अलावा, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी यात्री नंबर 12 के रूप में विमान में मौजूद थे। विमान को कैप्टन सुमीत सभरवाल (8,200 घंटे का उड़ान अनुभव) और को-पायलट क्लाइव कुंदर (1,100 घंटे का उड़ान अनुभव) उड़ा रहे थे। क्रैश के बाद मेघानीनगर इलाके में भारी काला धुआं और धूल का गुबार उठा। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो और तस्वीरों में घटनास्थल पर भयावह दृश्य दिखाई दिए। हादसे के कारण अहमदाबाद हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया।

मेडे (Mayday) कॉल क्या होता है?
> “मेडे” (Mayday) एक अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन संकट संदेश है, जिसका उपयोग विमानन और समुद्री क्षेत्र में तब किया जाता है जब कोई विमान या जहाज गंभीर खतरे में होता है और उसे तत्काल सहायता की आवश्यकता होती है।
> “मेडे” शब्द फ्रांसीसी शब्द “m’aider” (मदद करें) से लिया गया है। इसका उच्चारण “मे-डे” होता है और इसे तीन बार दोहराया जाता है (Mayday-Mayday-Mayday) ताकि यह स्पष्ट हो कि यह एक आपातकालीन कॉल है।
> मेडे कॉल तब जारी किया जाता है जब विमान में गंभीर तकनीकी खराबी, इंजन फेल्योर, आग, नियंत्रण खोने या अन्य जानलेवा स्थिति उत्पन्न हो। यह सबसे गंभीर आपातकालीन कॉल है, जो “पैन-पैन” (Pan-Pan) जैसे कम गंभीर कॉल से अलग है।

> मेडे कॉल में पायलट विमान की पहचान, स्थान, समस्या की प्रकृति और आवश्यक सहायता की जानकारी देता है। यह कॉल सुनते ही ATC और आसपास के विमान तत्काल कार्रवाई शुरू करते हैं।

मेडे कॉल SOS से कैसे अलग?
मेडे कॉल और SOS दोनों आपातकालीन संकट संकेत हैं, लेकिन इनका उपयोग और उत्पत्ति अलग है। Mayday Call विमानन और समुद्री संचार में होता है, जहां पायलट या जहाज के कप्तान रेडियो पर तीन बार “मेडे” दोहराकर गंभीर खतरे की सूचना देते हैं। SOS एक अंतरराष्ट्रीय मोर्स कोड संकेत है, जिसे 1908 में अपनाया गया। SOS का यूज समुद्री, जमीनी, या किसी भी आपात स्थिति में विभिन्न तरीकों (मोर्स कोड, लिखित, या दृश्य संकेत) से किया जा सकता है।

अहमदाबाद हादसे में मेडे कॉल
डीजीसीए के अनुसार, फ्लाइट AI171 के पायलट ने टेकऑफ के तुरंत बाद मेडे कॉल जारी किया, जो संभवतः किसी गंभीर तकनीकी समस्या (जैसे इंजन फेल्योर या नियंत्रण हानि) का संकेत था। हालांकि, इसके बाद ATC से कोई और संपर्क नहीं हो सका, जिससे स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

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