Ahmedabad Plane Crash: भयंकर आग की लपटों में लिपटी जिंदगी, राख हुआ सब कुछ, भगवदगीता पर नहीं आई आंच

 Ahmedabad Plane Crash: भयंकर आग की लपटों में लिपटी जिंदगी, राख हुआ सब कुछ, भगवदगीता पर नहीं आई आंच



Ahmedabad Plane Accident: अहमदाबाद विमान हादसे में 265 यात्रियों की मौत हो गई सब कुछ जलकर खाक हो गया लेकिन मलबे में जांच के दौरान भगवद गीता मिली है, जो पूरी तरह से सुरक्षित है।

Ahmedabad Plane Crash Incident: गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार, 12 जून 2025 को एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जब एयर इंडिया (Air India) की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही थी, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद मेघानीनगर इलाके में बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर जा गिरी। इस भयावह हादसे में 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों सहित कुल 265 लोगों की मौत हो गई, जिसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (Vijay Rupani) भी शामिल थे। विमान में सवार 242 लोगों में से केवल एक व्यक्ति, 40 वर्षीय ब्रिटिश-भारतीय नागरिक विश्वास कुमार रमेश, चमत्कारिक रूप से जीवित बचे।

हादसे का भयावह मंजर
हादसे के चश्मदीदों ने बताया कि टेकऑफ के तुरंत बाद विमान से तेज आवाज सुनाई दी और वह अचानक नीचे की ओर गिरने लगा। विमान के मेघानीनगर में एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकराने के बाद चारों ओर घना काला धुआं और आग की लपटें उठने लगीं। स्थानीय निवासी ने बताया, “हम घर पर थे जब अचानक तेज धमाका हुआ। बाहर निकले तो मलबा और शव बिखरे पड़े थे। यह मंजर देखकर रूह कांप गई।”

हॉस्टल की इमारत भी क्षतिग्रस्त
विमान के मलबे में चारों ओर तबाही का आलम था। हादसे में विमान के साथ-साथ हॉस्टल की इमारत भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, जिसमें 5 मेडिकल छात्रों की भी जान चली गई। आग इतनी भयंकर थी कि सब कुछ राख में तब्दील हो गया। लेकिन इस तबाही के बीच एक चमत्कार ने सबका ध्यान खींचा।

भगवद्गीता पर नहीं आई आंच
हादसे के मलबे में खोज ने लोगों को हैरान कर दिया। विश्वास कुमार रमेश, जो सीट 11A पर बैठे थे, के पास से एक भगवद्गीता की प्रति बरामद हुई, जो आग की लपटों के बावजूद पूरी तरह सुरक्षित थी। विश्वास ने बताया, “जब मैं होश में आया, मेरे चारों ओर लाशें और मलबा था। मैं डर गया और भागा, लेकिन मेरे पास की भगवद्गीता की किताब पर एक खरोंच तक नहीं आई।” यह घटना लोगों के बीच आध्यात्मिक और चमत्कारी चर्चा का विषय बन गई है।

एकमात्र जीवित बचे विश्वास कुमार
विश्वास कुमार, जो अपने भाई अजय कुमार रमेश के साथ लंदन लौट रहे थे, सीट 11A पर बैठे थे, जो इमरजेंसी एग्जिट के पास थी। हादसे के दौरान वह अपनी सीट समेत विमान से बाहर फेंके गए और चमत्कारिक रूप से बच गए। विश्वास ने मीडिया से बात करते हुए को बताया, “उड़ान भरने के 30 सेकंड बाद एक तेज आवाज हुई और फिर सब कुछ बहुत तेजी से हुआ। जब मैं उठा, मेरे चारों ओर लाशें बिखरी थीं।”

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