Medical Education: खुशखबर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में शुरू होंगे नए पैरामेडिकल डिप्लोमा कोर्स

 Medical Education: खुशखबर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में शुरू होंगे नए पैरामेडिकल डिप्लोमा कोर्स



kota news: प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नए शैक्षणिक सत्र से युवाओं को नए पैरामेडिकल डिप्लोमा कोर्स के अवसर मिलेंगे। इससे रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने राज्य के प्रमुख मेडिकल कॉलेजों में ब्लड बैंक टेक्नीशियन, ईसीजी टेक्नीशियन, डायलिसिस टेक्नीशियन और ऑप्थल्मिक टेक्नीशियन जैसे दो वर्षीय पैरामेडिकल डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। कोटा मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इन कोर्सों के संचालन के लिए आवश्यक संसाधनों की सूची विभाग को भेज दी।

संसाधन व सीटों की जानकारी मांगी है

चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने 16 मई को आदेश जारी कर जयपुर, कोटा, अजमेर, जोधपुर, उदयपुर सहित राज्य के सभी प्रमुख सरकारी मेडिकल कॉलेजों से इन कोर्सों के संचालन के लिए बजट, उपकरण, सामग्री, फर्नीचर, स्टाफ आदि की जानकारी तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी पूछा गया है कि कॉलेज एक बार में कितनी सीटों पर कोर्स चला सकते हैं।

यह कोर्स हो रहे संचालित

वर्तमान में कोटा मेडिकल कॉलेज में मेडिकल लैब टेक्नीशियन व एक्स-रे टेक्नीशियन (रेडियोग्राफर) कोर्स संचालित हो रहे हैं। अब इन नए कोर्सों के शुरू होने से युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। विभाग इन कोर्सों से संबंधित पदों को भविष्य की सरकारी भर्तियों में अलग से सृजित करेगा।

कम खर्च, बेहतर शिक्षा

इन कोर्सों की शुरुआत से छात्रों पर आर्थिक बोझ भी घटेगा। जहां निजी संस्थानों में इन कोर्सों की वार्षिक फीस 45 से 50 हजार रुपए तक होती है, वहीं सरकारी कॉलेजों में यह शुल्क केवल 30 से 35 हजार रुपए रहेगा। इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को राहत मिलेगी और वे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।

रंग लाया असर

कोटा मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ ईसीजी टेक्नीशियन भरतराज व वरिष्ठ टेक्निकल सुपरवाइजर अजय मेघवानी के नेतृत्व में पैरामेडिकल स्टाफ और छात्रों ने चिकित्सा मंत्री को ज्ञापन सौंपकर इन कोर्सों को शुरू करने की मांग की थी। अब उनकी यह पहल सफल होती नजर आ रही है।

प्रस्ताव भिजवा दिया

चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने मेडिकल कॉलेज में नए पैरामेडिकल कोर्स संचालन के लिए बजट, उपकरण, सामग्री, फर्नीचर, स्टाफ व सीटों की जानकारी तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। यह प्रस्ताव हमने बनाकर भिजवा दिया है।

डॉ. संगीता सक्सेना, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज कोटा

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