इन पांच वजहों से लिवर में पनपने लगता है कैंसर, भूलकर भी न करना ये गलतियां

 इन पांच वजहों से लिवर में पनपने लगता है कैंसर, भूलकर भी न करना ये गलतियां



लिवर कैंसर को मेडिकल टर्म में हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा भी कहते हैं, जो गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम बन चुका है. WHO के मुताबिक, लिवर कैंसर दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है.

टीवी जगत की जानी-मानी एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ स्टेज-2 लिवर कैंसर से जूझ रही हैं. दरअसल, लिवर कैंसर को मेडिकल टर्म में हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा (एचसीसी) भी कहते हैं, जो गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम बन चुका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, लिवर कैंसर दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है. भारत में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आइए आपको उन पांच वजहों से रूबरू कराते हैं, जिनके कारण लिवर में कैंसर पनपने लगता है.

यह है लिवर कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण

लिवर फाउंडेशन की 2025 में हुई एक स्टडी के मुताबिक, लिवर कैंसर के सबसे बड़े कारणों में से एक है क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और सी का इंफेक्शन. ये वायरस लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और लंबे समय तक इनका इलाज नहीं होता है तो ये सिरोसिस का कारण बन जाते हैं. यही स्थिति धीरे-धीरे कैंसर का रूप ले लेती है. गौर करने वाली बात यह है कि सिरोसिस के बिना भी हेपेटाइटिस बी लिवर कैंसर का कारण बन सकता है, जो इसे और ज्यादा खतरनाक बनाता है. भारत में हेपेटाइटिस बी और सी के मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है, जिसका मुख्य कारण असुरक्षित यौन संबंध, इंफेक्टेड इंजेक्शन का इस्तेमाल, टैटू बनवाने या पियर्सिंग के दौरान साफ-सफाई का ध्यान न रखना है.
शराब की वजह से भी होता है लिवर कैंसर

अगर कोई लंबे समय तक लगातार शराब का सेवन करता है तो यह लिवर कैंसर होने की प्रमुख वजह हो सकती है. गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल के एक्सपर्ट डॉ. एएस सोइन ने हाल ही में बताया कि लिवर में फैट जमा होने का कारण शराब भी है, जिसे अल्कोहलिक फैटी लिवर कहते हैं. यह स्थिति धीरे-धीरे सिरोसिस में बदल जाती है, जिससे कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.


मोटापा और अनहेल्दी लाइफस्टाइल भी बेहद खतरनाक

मोटापा और टाइप 2 डायबिटीज भी लिवर कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं. मैक्स हॉस्पिटल की हालिया रिपोर्ट में बताया गया कि मोटापा नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) का कारण बनता है, जो समय के साथ सिरोसिस और फिर कैंसर में बदल सकता है. 2025 में हुई एक रिसर्च के अनुसार, भारत में मोटापे की दर में 15% की वृद्धि हुई है और इसके साथ ही लिवर कैंसर के मामले भी बढ़ रहे हैं. 
एफ्लैटॉक्सिन और रसायनों का संपर्क

एफ्लैटॉक्सिन एक तरह का जहर है, जो कुछ मोल्ड्स (फफूंद) से उत्पन्न होता है और अनाज, मूंगफली और मक्का जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जा सकता है. 2025 में लिवर फाउंडेशन की एक स्टडी में पाया गया कि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां अनाज को सही तरीके से स्टोर नहीं किया जाता, वहां एफ्लैटॉक्सिन के संपर्क में आने की वजह से लिवर कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्रों में रसायनों के संपर्क में आने से भी लिवर को नुकसान पहुंचता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है.

आनुवंशिक और वंशानुगत कारण

कुछ लोगों में लिवर कैंसर का खतरा आनुवंशिक कारणों से भी बढ़ जाता है। लिवर फाउंडेशन की 2025 की रिसर्च के अनुसार, अगर परिवार में लिवर कैंसर या लिवर की अन्य बीमारियों की हिस्ट्री है तो इसका जोखिम बढ़ जाता है. इसके अलावा हेमोक्रोमैटोसिस और विल्सन रोग जैसी जेनेटिक लिवर बीमारियां भी कैंसर का कारण बन सकती हैं.

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