सेना के आसमान में बढ़ती हुई महिलाओं की ताकत
सेना की महिला अफसरों को पुरुषों वाली परेड की अगुवाई करते देख भरोसा होता है की महिलाओं की स्वीकार्यता हर क्षेत्र में अब बढ़ रही हैं।
लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी

लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी
भावना कस्तूरी को भारतीय सेना में शामिल होने का जज्बा एनसीसी से मिला. सेना में ऑफिसर बनने से पहले कस्तूरी नेशनल कैडेट कॉर्प्स का हिस्सा थीं. इसके बाद उन्होंने एनसीसी के जरिए ही आर्मी का स्पेशल एंट्री एग्जाम पास किया और साल 2015 में भारतीय सेना का हिस्सा बनीं.चल रही आगे - आगे 15 जनवरी को 71 वें सेना दिवस पर ' राइजिंग डे परेड ' में लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी ने इंडियन आर्मी कॉर्प्स टुकड़ी का नेतृत्व किया। इसमें 144 पुरुष जवान शामिल हुए थे। आर्मी सर्विस कोर 23 साल बाद सेना दिवस की परेड में शामिल हुई और इसका नेतृत्व पहली बार एक महिला अफसर ने किया।
कैप्टन शिखा सुरभि
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कैप्टन शिखा सुरभि
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हजारीबाग जिले की
बहादुर बेटी कैप्टन
शिखा सुरभि गणतंत्र
दिवस के अवसर
पर डेयरडेविल्स टीम
का नेतृत्व करेंगी।
कैप्टन शिखा सुरभि
झारखंड के हजारीबाग
की रहने वाली
हैं। फिलहाल पंजाब
के भटिंडा में
तैनात हैं। शिखा
ने बताया कि
उन्हें बचपन से
साहसिक कार्य करने में
रुचि थी। इसलिए
वह सेना में
भर्ती होने के
लिए आकृष्ट हुई।
शिखा की मां
किरण सिंह ने
उन्हें इसके लिए
प्रोत्साहित किया।शिखा सुरभि की
10वीं तक की
शिक्षा इंदिरा गांधी आवासीय
विद्यालय में हुई।
उनकी मां किरण
सिंह वहीं गेम
टीचर के रूप
में कार्यरत हैं।
पिता शैलेंद्र सिंह
एलआईसी के अभिकर्ता
हैं।दसवीं पास करने
के बाद शिखा
दिल्ली चली गईं।
गंगा इंटरनेशनल स्कूल
से 12वीं पास
की। उसके बाद
दो साल तक
इंटेक्स कंपनी में काम
भी किया और
इसी दौरान सेना
में भर्ती होने
की तैयारी भी
चलती रही। सेना
में काम करते
हुए उन्होंने पर्वतारोहण
सीखा। बॉक्सिंग भी
सीखा। बॉक्सिंग में
वह इतनी माहिर
हुईं कि उन्होंने
इसमें गोल्ड मेडल
भी जीता।इतिहास का निर्माण आर्मी डेयरडेविल्स मोटरसाइकिल डिस्प्ले टीम अपने हेरातअंगेज करतबों की वजह से जानी जाती हैं। ऑफिसर कैप्टन शिखा सुरभि को इस गणतंत्र दिवस पर इसका नेतृत्व करने का अवसर मिला। किसी महिला अफसर के लिए यह ऐसा पहला मौका था। वह कहती हैं की यह रिस्की तो है , पर रिस्क कहा नहीं हैं।
आईपीएस अपर्णा कुमार
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आईपीएस अपर्णा कुमार
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यूपी कैडर की
आईपीएस अधिकारी अपर्णा कुमार
ने दक्षिणी ध्रुव
पर सफलतापूर्वक पहुंचकर
नया कीर्तिमान रचा
है। देहरादून में
आईटीबीपी की डीआईजी
पद पर तैनात
अपर्णा ने दक्षिणी
ध्रुव पर देश
और आईटीबीपी का
झंडा फहराया।अपर्णा माउंट एवरेस्ट फतह
करने वाली पहली
महिला पुलिस अफसर
है। वह सात
महाद्वीपों में से
साउथ अमेरिका, एशिया,
ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, यूरोप व
अंटार्कटिका के सबसे
ऊंचे शिखर तक
पहुंची चुकी है।अपर्णा 2002 बैच की
यूपी कैडर की
आईपीएस है। उनके
पति 2002 बैच के
आईएएस संजय कुमार
इस समय यूपी
में नगर विकास
सचिव है।इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस में डीआईजी पद पर तैनात आईपीएस अपर्णा कुमार दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाली पहली महिला आईपीएस बन गयी है। वह उन्होंने तिरंगा और आई टी बी पी का ध्वज फहराया। उन्होंने 35 किलोग्राम भारी- भरकम वजन लादकर बर्फ में 111 किलोमीटर का सफर पेडल तय किया। माउन्ट एवरेस्ट भी चढ़ चुकी हैं।
कैप्टन दिव्या अजीथ
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कैप्टन दिव्या अजीथ
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shandar jabardast jindabad
ReplyDeletesalute to indian army
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