पंड्या तो कुछ नहीं, लाला अमरनाथ को तो छोटी सी बात पर देश वापस भेज दिया था
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हार्दिक पंड्या और केएल राहुल से पहले लाला अमरनाथ को भी विदेशी दौरे के बीच से भारत भेजा जा चुका है. |
अब तक आप कॉफ़ी विद करन के सेट पर हार्दिक पंड्या के बयान तो सुन ही चुके होंगे. इस मामले में बीसीसीआई कमिटी ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेटर्स (सीओए) ने पंड्या और केएल राहुल को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है. दोनों को जांच पूरी होने तक टीम में न रखने के निर्देश दे दिए गए हैं. इसका मतलब हुआ कि दोनों ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही सीरीज तो खेल ही नहीं पाएंगे. इसके आलावा न्यूज़ीलैंड के साथ होने वाली सीरीज से भी हाथ धोना पड़ सकता है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घोषित की गई टीम में दोनों खिलाड़ियों का नाम था, लेकिन शो में दिए गए भद्दे बयानों के कारण दोनों को बाहर का रास्ता देखना पड़ा. किसी खिलाड़ी को बीच दौरे से इस तरह बाहर किए जाने की ये दूसरी घटना है. वो भी पूरे भारतीय क्रिकेट के इतिहास में. ऐसा पहली बार हुआ था 1936 में. यानी पूरे 82 साल पहले. पिछली बार जब ऐसा हुआ था तो दोषी थे लाला अमरनाथ. उन्हें तत्कालीन कप्तान महराजा विजयनगरम ने एक फर्स्ट क्लास गेम के दौरान विवाद के चलते भारत भेज दिया था.
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लाला अमरनाथ भारत की ओर से शतक मारने वाले पहले बल्लेबाज़ थे. साथ ही, वो आज़ाद भारत के पहले कप्तान भी थे. |
लाला अमरनाथ के छोटे बेटे राजिंदर अमरनाथ ने उन पर लिखी किताब लाला अमरनाथ: लाइफ एंड टाइम्स में उस घटना का ज़िक्र किया है. राजिंदर ने बताया कि कैसे पीठ के दर्द से जूझ रहे अमरनाथ को रेस्ट नहीं दिया जा रहा था. वो दर्द में थे, लेकिन लॉर्ड्स के मैच में कप्तान ने उन्हें पैड्स पहनने को कहा और बाद में शाम तक उनकी बारी के लिए इंतज़ार करवाया. ज्यादातर बल्लेबाज़ उनसे पहले बैटिंग कर चुके थे. शाम को लाला की पारी आई तो मुश्किल से 10 मिनट का खेल बचा था. अमरनाथ जब दिन का खेल खत्म होने पर लौटे तो गुस्से में थे. गुस्से में ही बैट फेंक दिया और पंजाबी में कुछ बड़बड़ाने लगे. इसके बाद कप्तान ने उनको वापस भेज दिया. राजिंदर के अनुसार वो उस वक़्त के टीम मैनेजमेंट और राजनीति का शिकार हुए थे, जिसके कारण उन्हें दौरे के बीच में ही भारत भेज दिया गया.
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नवजोत सिंह सिद्धू. |
खिलाड़ी और मैनेजमेंट के बीच झगड़े चलते रहे हैं. 1996 में नवजोत सिंह सिद्धू भी एक विवाद के चलते इंग्लैंड के दौरे से वापस आ चुके हैं. लेकिन उन्होंने वो दौरा अपनी मर्जी से छोड़ा था. उनकी तत्कालीन कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन से किसी बात पर बहस हुई और वो बिना किसी को बताए वापस लौट आए थे. जैसा वो खुद ही कहते हैं, दाना बिखरा, मुर्गी खुश. उसी तरह उनका भारत आना भी उनके रूममेट सौरव गांगुली के लिए खुशखबरी साबित हुआ. लॉर्ड्स के मैदान पर गांगुली को डेब्यू करने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने शतक जड़ दिया. आगे की कहानी आप सब जानते ही होंगे. इसके बाद सिद्धू वापस आए और 2 साल और खेले.
हार्दिक पंड्या और राहुल को उनके ग्राउंड पर गेम के लिए खूब सराहा भी गया है. हालांकि राहुल के लिए ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट मैच सीरीज ज्यादा अच्छी नहीं रही, लेकिन वो वनडे मैचों से उम्मीद लगाए बैठे थे. ऑफ द फील्ड अपने बर्ताव के लिए किसी दौरे से बाहर बैठाए जाने का ये पहला मामला है. दोनों खिलाड़ियों को बाहर बैठाकर एक मेसेज भी दिया गया है कि आप देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और ये बात हमेशा अपने दिमाग में रखनी चाहिए.
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