इंडिया टुडे से बात चीत में मशहूर राजनितिक विश्लेषक प्रशांत किशोर जिनको पीके के नाम से जाना जाता है , ने अपनी पूरी बातचीत में बताया है की कैसे बीजेपी इस लोकसभा चुनाव में हारेगी या जीतेगी।
पोलिटिकल स्ट्रेटेजिस्ट प्रशांत किशोर ने इस बारे में इंडिया टुडे से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा की भाजपा को लोकसभा चुनाव में 300 सीट मिलने की सम्भावना है , साथ ही उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अभी लोगो में कोई खास गुस्सा नहीं हैं।
इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा की भाजपा 370 सीट जीतना बीजेपी के लिए असंभव है लेकिन लगभग 300 उनके हिसाब से मिलती हुई दिख रही हैं।
2019 के जैसे ही रहेंगे परिणाम
प्रशांत किशोर आगे कहते है कि , 'जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की बीजेपी 370 और NDA 400 का आंकड़ा पार करेगी , मैंने कहा की यह असंभव है , यह सब कार्यकर्ताओ का मनोबल बढ़ने के लिए नारेबाजी हैं। भाजपा के लिए 370 सीट जीतना नामुमकिन हैं , लेकिन यह भी है की पार्टी 270 के आंकड़े के निचे नहीं जा रही हैं। मुझे लगता है की बीजेपी पिछले लोकसभा चुनाव में मिली सीटों के बराबर ही सीट लाने में सफल हो पायेगी , जो की ३०३ सीट या थोड़ी उससे बेहतर।
बीजेपी को कहा फायदा कहा नुकसान
३०० सीटों के अनुमान पर विस्तार से बात करते हुए पिके ने बताया की बीजेपी को लोकसभा चुनाव में उत्तर और पश्चिम में कोई भौतिकवादी नुकसान नहीं हो रहा हैं। जबकि दक्षिण और पूर्व ( बिहार , बंगाल , ओडिसा , तेलंगाना , आंध्रा प्रदेश , तमिलनाडु , केरल में ) उसकी सीटों में बढ़ोतरी देखि जाएगी।
क्या है pK का गणित
प्रशांत किशोर ने बताया की 2019 के चुनावो में बीजेपी ने अपनी 303 सीट कहा हाशिल की थी। उन 303 में से 250 उत्तर और पश्चिम क्षेत्रों से आयी। ऐसे में सवाल यह है की क्या भाजपा को इन क्षेत्रो में जरुरी नुकसान का सामना करनापड़ रहा हैं ? वर्तमान में पूर्व और दक्षिण में बीजेपी के पास लगभग 50 लोकसभा सीट हैं इसलिए माना जा रहा है कि बीजेपी की हिस्सेदारी 15 - 20 सीट बढ़ने की उम्मीद की जा रही हैं। जबकि बीजेपी पार्टी को उत्तर और दक्षिण में कोई खास नुकसान होने की उम्मीद नमहि हैं।
क्या उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में भाजपा को नुकसान हो रहा हैं ?
इस पर प्रशांत किशोर कहते हैं की विपक्ष ये मान कर चल रहा हैं कि 20 से 25 सीट पर वे जीत दर्ज करेंगे। ऐसे में अगर विपक्ष 25 सीट जीत भी जाता हैं तो भी बीजेपी को नुकसान नहीं पंहुचा रहा हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वर्तमान में बीजेपी की 48 में 23 सीट ही हैं ऐसे में विपक्ष की मजबूती से भी बीजेपी को कोई नुकसान नहीं हैं।
वही Up में बीजेपी का नंबर घटने पर प्रशांत किशोर ने कहा की " आप याद कीजिए 2014 के मुकाबले बिहार और UP बीजेपी को करीब 25 सीटों का नुकसान 2019 में झेलना पड़ा था। 2019 में बसपा और सपा के साथ लड़ने से भाजपा 73 से घटकर बीजेपी 62 पर आ गयी थी तो ऐसे में अगर विपक्ष ये मानकर चलेगा कि इसबार बीजेपी को 20 सीटों का नुकसान हो रहा हैं तो विपक्ष बीजेपी का बहुत ज्यादा नुकसान नहीं कर पायेगा। क्योंकि 2019 में बीजेपी 18 सीटे हार कर भी अपना नंबर बंगाल से बढ़ने में सफल रही थी। प्रशांत ने विपक्ष को सुझाव दिया कि बीजेपी को 40 सीटों का नुकसान अगर विपक्ष कर देता हैं तब जाके उनको फायदा होगा।
राजस्थान या हरयाणा से 5 - 7 सीटे हारने से बीजेपी को नुकसान होगा ?
राजस्थान और हरियाणा में बीजेपी के नुकसान पर आगे पीके कहते है कि 2 - 5 सीटों का ही नुकसान हो सकेगा। लेकिन ऐसा कोई राज्य नहीं हैं जिसमे विपक्ष कोई ज्यादा मजबूत होते हुए दिख रहा हो। प्रशांत के अनुसार पश्चिम और उत्तर के क्षेत्रो में बीजेपी को अधिकतम 50 सीटों का नुकसान नहीं हैं। बल्कि इसके अलावा पूर्व और दक्षिण के क्षेत्रो से इतनी सीटे मिल जाएगी कि उसकी भरपाई हो जाएगी।
सरकार क्यों हारती हैं ?
इस पीके ने कहा कि ऐसा तब होता हैं जब देश के नेता के खिलाफ लोगो में गुस्सा हो। लेकिन मोदी और बीजेपी की 10 साल की सरकार को लेकर आम जनमानस में हलकी फुलकी नाराजगी जरूर हैं , लेकिन ऐसा खुले तोर पर नहीं देखा गया हैं कि इसे सर्कार के खिलाफ गुस्सा कहा जा सके।
वही सरकार के हरने के दूसरे कारण पर जौर देते हुए पीके कहते हैं की अगर कोई नया आदमी आये और लोगो के मन में उसके प्रति सकारात्मक छवि हो , लोगो के मन में नए आदमी को लेकर यह धरना बन जाये कि ये आकर हमारी स्थिति मोदी जी से बेहतर कर देगा , तब लोग बदलाव के मूड में आते हैं। लेकिन फ़िलहाल जनता के मन में ऐसे स्थति नहीं है और न ही किसी आदमी की ऐसे छवि हो जो जनता उसके लिए बदलाव चाहे।
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