श्रीसंत के जबराट फैन्स के लिए लेकर आया हूँ आज उनके जन्मदिन के ऊपर ख़ास क़िस्त


श्रीसंत के  जबराट फैन्स के लिए लेकर आया हूँ आज उनके जन्मदिन के ऊपर ख़ास क़िस्त 

शान्ताकुमारन श्रीसंत

किस्सा
कुछ यु शुरू होता हैं कि  जन्म 6 फ़रवरी 1983 कोठामंगलम, केरल , भारत में श्रीसंत का जन्म होता हैं।  
चलो आज मैं उनके जीवन से जुड़े लगभग हर दृश्य पर आपकी नहर घुमाय देता हूँ।  
इसमें एक तरफ देश के लिए खेलने वाला क्रिकेटर हैं। दूसरी तरफ क्रिकेट को कलंकित करने वाला आरोप खिलाड़ी। एक तरफ मस्तमौला इंसान है तो दूसरी तरफ जेल की हवा काटने वाला मुलज्मि है। पिछले 10 साल में एस श्रीसंत ने कई जिंदगियां जी हैं।

शांताकुमारन श्रीसंत, लंबा कंद, मजबूत शरीर और आंखों में आक्रामकता, यही तो तेज गेंदबाज के लिए जरूरी होता है। तभी तो 2005 में जब पहली बार श्रीसंत टीम इंडिया का हिस्सा बनें तो बने ही रह गए। मैदान के बाहर एकदम शांत और सुशील लेकिन मैदान पर आते है गुस्सैल, आक्रमक और कभी-कभी झगलाड़ू भी। कुछ लोगों के ये पसंद आया तो कुछ को नापसंद लेकिन श्रीसंत के इस स्वभाव ने उन्हें अलग पहचान दी। जिस समय भारतीय तेज गेंदबाजों में आक्रामकता की कमी देखी जा रही थी, उस समय श्रीसंत ने विदेशी गेंदबाजों की तरह रवैया दिखाया। यही वजह कि कप्तानों की नापसंद के वावजूद श्रीसंत टीम में बने रहे।
शांताकुमारन श्रीसंत
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भला कौन भूल सकता है जब टी-20 वर्ल्ड कप में श्रीसंत ने कंगारू बल्लेबाजों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया। सिर्फ गेंदबाजी में ही नहीं बल्लेबाजी के दौरान भी श्रीसंत ने अपने इसी स्वभाव के चलते सुर्खिया हासिल की। दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज आंद्रे नेल की गेंद पर छक्का जमाने के बाद श्रीसंत का ये डांस उनके हर फैंस को याद होगा। कुछ इसी तरह दिग्गज बल्लेबाजों को फेंकी गए उनकी बाउंसर भी क्रिकेट के इतिहास में दर्ज हो गई।
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग

16 मई 2013 को जब इस खिलाड़ी को आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में गिरफ्तार किया गया तो तस्वीरें बिल्कुल बदल चुकी थी। श्रीसंत के चेहरे पर काला कपड़ा पड़ा था और उन्हें अपराधियों की तरह कोर्ट में पेश किया जा रहा था। आरोप स्पॉट फिक्सिंग का था और पुलिस ने एक के बाद एक कई सबूत होने का दावा किया। श्रीसंत को जेल जाना पड़ा और उनके खिलाफ आपराधिक केस शुरू हो गया।
बीसीसीआई के आजीवन बैन के चलते ये खिलाड़ी क्रिकेट से दूर हो चुका था और कोर्ट के फैसला के इंतजार के अलावा इसके पास कोई चारा नहीं था। लेकिन करीब 2 साल बाद दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने श्रीसंत को बरी कर इस क्रिकेट के जीवन में नया मोड़ ला दिया। हालांकि श्रीसंत के क्रिकेट करियर पर अब भी प्रश्नचिंह लगा है। लेकिन 2 साल तक कलंक झेलने वाला ये खिलाड़ी अब सिर उठाकर दुनिया में घूम सकता है।
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